चंद राजाओं के सपनों का शहर है अल्मोड़ा

अल्मोड़ा चंद राजाओं के सपनों का शहर है। चंद राजाओं ने इस नगर को बसाने, सुन्दर और व्यवस्थित बनाने, जल प्रणालियों को सुरक्षित रखने तथा एक धार्मिक नगर के रूप में स्थापित करने में अपना अप्रतिम योगदान दिया था। उनके द्वारा बनवाये गये नौले-धारे आज भी अल्मोड़ा की जीवन रेखा बने हुए हैं। शोभित सक्सेना अल्मोड़ा...

संरक्षित: ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक इमारतों का शहर भी है अल्मोड़ा

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    अल्मोड़ा नन्दादेवी मेले में नन्दा की पूजा एवं तन्त्र

शिरीष पांडे ज्योतिष, तन्त्र और मन्त्र ये ऐसी तीन विद्यायें हैं, जिससे उत्तराखण्ड का जनजीवन और लोक संस्कृति काफी प्रभावित रही है। कत्यूरी और चन्द राजा तन्त्र विद्या में पारंगत माने जाते थे। देवी की पूजा युद्ध देवी के रूप में करने की परम्परा कत्यूरी और चन्दकाल में काफी प्रचलित रही है। देवीशक्ति पूजा...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का शै भैरव मंदिर

शिव रूप भैरव रक्षक देवता हैं। भारत वर्ष के अनेक किलों में उनकी स्थापना गढ़ के रक्षक के रूप में की गई है। अल्मोड़ा नगर में भी रक्षक देवता के रूप में उनकी स्थापना नगर के प्रमुख स्थानों में अष्ट भैरव रूप में की गई थी। अल्मोड़ा में अष्ट भैरव मंदिरों की स्थापना का सम्बन्ध चंद शासक उद्योत चंद (1678-98)...

नेहरू जी के प्रवास का प्रतीक है अल्मोड़ा का जिला कारागार

अल्मोड़ा जिला कारागार का अद्भुत इतिहास है। यहाँ गोविंद वल्लभ पंत, जवाहर लाल नेहरु, खान अब्दुल गफ्फार खान,आचार्य नरेन्द्रदेव, बद्रीदत्त पांडे,विक्टर मोहन जोशी आदि महान क्रांतिकारियों ने अपने कारावास की अवधि व्यतीत की है। गुलामी के दिनों में कैदी के रूप में अल्मोड़ा जिला कारागार में भारत के प्रथम...

श्रेणी: अल्मोड़ा

इंडो-यूरोपियन शैली में निर्मित है अल्मोड़ा का नार्मल स्कूल

अल्मोड़ा नगर में तराशे गये स्थानीय पत्थरों से बना गवर्नमेंट नार्मल स्कूल इंडो-यूरोपियन शैली की दर्शनीय विरासत है। यूरोपियन तथा भारतीय शिल्प समन्वय से बने इस भवन में यूरोपियन स्टाइल के बुर्ज, खिड़की, दरवाजे, मेहराब तथा...

महाकवि टैगोर के प्रवास का प्रतीक है टैगोर हाउस

छावनी क्षेत्र में निर्मित एवं देवदार के वृक्षों से आच्छादित गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के अल्मोड़ा प्रवास का साक्षी टैगोर हाउस आज भी अल्मोड़ा नगर की सबसे भव्य और विशाल इमारतों में से एक है। सूर्यास्त का इतना विहंगम...

जन- जन के आराध्य हैं बाबा गंगनाथ

पर्वतीय क्षेत्रों में बाबा गंगनाथ का बड़ा मान है। वे जन- जन के आराध्य लोक देवता हैं। बाबा गंगनाथ की लोकप्रियता का प्रमाण जगह -जगह स्थापित किये गये उनके वे मंदिर हैं जो वनैले प्रान्तरों से लेकर ग्राम, नगर और राज्य की...

अल्मोड़ा नगर के रक्षक हैं अष्ट भैरव

उत्तराखंड में सर्वहारा वर्ग के सर्वप्रिय यदि किसी देवता का उल्लेख करना हो तो निश्चित ही वह देवता हैं-भैरव। पर्वतीय समाज में उन्हें लौकिक देवता का स्थान मिला हुआ है। उनके छोटे- छोटे मंदिर निर्जन वनों से लेकर गांव- समाज...

अद्भुत है – बोगनवेलिया और देवदार का मिलन

अल्मोड़ा नगर के जिन सौन्दर्य स्थलों को देखने पर्यटक आते रहते हैं उनमें एक है मुख्य डाकघर के पास स्थित भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत को समर्पित छोटा सा पार्क जहां बोगेनवेलिया की आसमान छूती बेल प्रकृति का दुर्लभ नजारा...

खगमरा कोट मंदिर

अल्मोड़ा नगर की बाहरी सीमा पर दुगालखोला के पास पुलिस लाइन के नजदीक पहुंचने वाले मोटर मार्ग में सड़क से कुछ नीचे ऐतिहासिक खगमरा कोट नामक प्राचीन स्थल है जिसे चम्पावत के चंदवंशीय शासक भीष्म चंद ने 1559-60 में कत्यूरी...

सिस्टर निवेदिता की स्मृतियां संजोये है अल्मोड़ा का निवेदिता काॅटेज

स्वामी विवेकानंद की प्रथम विदेशी शिष्या सिस्टर निवेदिता को कौन नहीं जानता। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सिस्टर निवेदिता को भारतीय ध्यान साधना और उसके अनुसरण की प्रक्रिया का ज्ञान स्वामी विवेकानंद ने अल्मोड़ा में ही...

प्रेरणा स्तम्भ है नृत्य सम्राट उदय शंकर का दीपदान

प्रेरणा पुरूष अपने जीवन में प्रयोग की गई विशिष्ट वस्तुओ को भी अति महत्वपूर्ण धरोहर बना जाते हैं। विश्व विख्यात नर्तक उदय शंकर का उनके अल्मोड़ा कार्यकाल में प्रयोग किया गया अति सुन्दर पानस (दीपदान) अल्मोड़ा नगर में उनके...

लोकदेवता भोलानाथ की तपःस्थली है सिद्ध का नौला

अल्मोड़ा के पल्टन बाजार के प्रारम्भ होते ही सिद्ध नृसिंह मंदिर के सामने सिद्ध बाबा का नौला एवं मंदिर नगर के आस्था के प्रमुख केन्द्रों मे अपना स्थान रखता है। यहां नाथ परम्परा के चंद कालीन सिद्ध संत ऋद्धिगिरी निवास करते...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर

अल्मोड़ा नगर के अति प्राचीन देवालयों में रामशिला मंदिर का स्थान पहला है। अल्मोड़ा की बसासत के दूसरे चरण के अन्तर्गत राजा रूद्रचंद के कार्यकाल में वर्ष 1588-89 में एक नये अष्ट पहल राजनिवास का निर्माण नगर के मध्य में...

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