आकाश में दिखाई देने वाले ज्योति पिंड के रूप में सूर्य की उपासना का क्रम वैदिक काल से चला आ रहा है । सूर्य और उसके विविध रूपों की पूजा उत्तर वैदिक काल से पल्लवित होती रही है। वेदोत्तर काल से इसका और भी विस्तार हुआ ।...
प्राचीन भारतीय वाङमय में शक्ति उपासना की परम्परा सम्भवतः देवी शक्ति से सामर्थ ग्रहण करने के उद्देश्य से ही की जाती होगी । साहित्यिक स्त्रोतों एवं पुरातात्विक उत्खननके आधार पर शक्ति उपासना की परम्परा व विकास का...
राष्ट्र्पिता महात्मा गांधी ने वर्ष 1929 की जून-जुलाई माह में कौसानी में रह कर गीता पर अपनी प्रसिद्ध टीका अनासक्ति योग की रचना की थी। महात्मा गांधी के आने से पहले कौसानी मात्र उजड़े हुए चाय बागानों के लिए ही जानी जाती थी...
अल्मोड़ा जिला कारागार का अद्भुत इतिहास है। यहाँ गोविंद वल्लभ पंत, जवाहर लाल नेहरु, खान अब्दुल गफ्फार खान,आचार्य नरेन्द्रदेव, बद्रीदत्त पांडे,विक्टर मोहन जोशी आदि महान क्रांतिकारियों ने अपने कारावास की अवधि व्यतीत की है।...
बेतालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड का सिद्ध बेतालनाथ शिव मंदिर अल्मोड़ा नगर के बेस चिकित्सालय से विकास भवन की ओर जाने वाले सड़क मार्ग पर नगर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस सड़क मार्ग से मंदिर की पैदल...
अल्मोड़ा नगर का इतिहास पुराना है। अल्मोड़ा नगर के आसपास प्राचीन बसासत के पर्याप्त प्रमाण काफी संख्या में मिलते हैं। जिनमें कसारदेवी स्थित प्रागैतिहासिक शैलचित्र, उखल, माट-मटेना के शैलचित्र तथा कसारदेवी का रूद्रक शिलालेख...
अल्मोड़ा की बसासत के दूसरे चरण के अन्तर्गत राजा रूद्रचंद के कार्यकाल 1588-89 में एक नये अष्ट पहल राजनिवास का निर्माण नगर के मध्य में करवाया गया था जो मल्ला महल कहलाता है। इस महल के संरचनागत निर्माण से लगता है कि देवी...
स्वामी विवेकानंद की अल्मोड़ा यात्राओं का यदि सन्दर्भ लिया जाये तो थाॅमसन हाउस का उल्लेख होना स्वाभाविक है। हिमालय यात्रा के दौरान अल्मोड़ा से स्वामी विवेकानंद की अनेक यादें जुड़ी हुई हैं। वह वर्ष 1898 में कई दिनों तक...
रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा रामकृष्ण परमहंस परम्परा के सन्यासियों के लिए स्थापित आध्यात्मिकरिट्रीट सेंटर है। रामकृष्ण मठ तथा रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ कोलकाता द्वारा संचालित यहकेन्द्र अब एक सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन हो चुका...
अल्मोड़ा नगर में तराशे गये स्थानीय पत्थरों से बना गवर्नमेंट नार्मल स्कूल इंडो-यूरोपियन शैली की दर्शनीय विरासत है। यूरोपियन तथा भारतीय शिल्प समन्वय से बने इस भवन में यूरोपियन स्टाइल के बुर्ज, खिड़की, दरवाजे, मेहराब तथा...