पर्वतीय क्षेत्र के पुराने पैदल यात्रा मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को वीरान क्षेत्रों में नौ-नौ मील की दूरी पर पत्थर से बने हुए बिना दरवाजे के भवन सहज ही आकर्षित करते हैं। ये वे धर्मशालायें हैं जिनका प्रयोग पूर्व में पैदल यात्री रात्रि पड़ाव के लिए किया करते थे। नौलों, धारों अथवा नदियों के किनारे...
कुमाऊँ की धर्मशालायें
पर्वतीय क्षेत्र के पुराने पैदल यात्रा मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को वीरान क्षेत्रों में नौ-नौ मील की दूरी पर पत्थर से बने हुए बिना दरवाजे के भवन सहज ही आकर्षित करते हैं। ये वे धर्मशालायें हैं जिनका प्रयोग पूर्व में...