ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक इमारतों का शहर भी है अल्मोड़ा

चंद राजाओं द्वारा बनाई गई ऐतिहासिक इमारतों के अतिरिक्त भी अंग्रेजी शासन काल में अल्मोड़ा शहर में अनेक सुन्दर और कलात्मक भवनों का निर्माण किया गया। इनमें नार्मल स्कूल, बडन चर्च, टैगोर हाउस, मुख्य डाकघर, रैमजे स्कूल, एडम्स स्कूल, थाम्पसन हाउस, राजकीय इंटर कॉलेज आदि प्रमुख हैं। अल्मोड़ा का सर्किट हाउस...

चंद राजाओं के सपनों का शहर है अल्मोड़ा

अल्मोड़ा चंद राजाओं के सपनों का शहर है। चंद राजाओं ने इस नगर को बसाने, सुन्दर और व्यवस्थित बनाने, जल प्रणालियों को सुरक्षित रखने तथा एक सांस्कृतिक नगर के रूप में स्थापित करने में अपना अप्रतिम योगदान दिया था। उनके द्वारा बनवाये गये नौले-धारे आज भी अल्मोड़ा की जीवन रेखा बने हुए हैं। शोभित सक्सेना...

उत्तराखंड के पुरातत्व की गौरव गाथा

मनीषियों द्वारा प्रतिपादित हिमालय के पांच भागों नेपाल, कूर्मांचल, केदार, जलंधर तथा कश्मीर में से दो केदार तथा कूर्मांचल को मिलाकर ही वर्तमान का उत्तरांचल राज्य बना है। पी0 बैरन ने वांडरिंग्स इन द हिमाल में इस पर्वतीय क्षेत्र को हिन्दुओं का यरूशलम तथा पैलेस्टाइन माना है। उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से...

शिल्प में पार्वती

कुमाउ मंडल से प्राप्त शाक्त प्रतिमाओं में देवी पार्वती की सर्वाधिक प्रतिमायें प्राप्त होती हैं ।बाल्यावस्था में इनका नाम गौरी था जब ये विवाह योग्य हुईं तो इन्होंने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिये घोर तपस्या की। तपस्यारत देवी पार्वती कहलाने लगीं । शिव से विवाह हो जाने के उपरान्त इन्हें उमा...

कुमाऊँ की सूर्य प्रतिमाएं

आकाश में दिखाई देने वाले ज्योति पिंड के रूप में सूर्य की उपासना का क्रम वैदिक काल से चला आ रहा है । सूर्य और उसके विविध रूपों की पूजा उत्तर वैदिक काल से पल्लवित होती रही है। वेदोत्तर काल से इसका और भी विस्तार हुआ । गुप्तकाल और परवर्ती साहित्य से ज्ञात होता है कि सूर्य उपासकों का एक पृथक से...

श्रेणी: इतिहास एवं पुरातत्व

प्रस्तर शिल्प में गंगा

भारतीय मानस में गंगा का स्वरूप केवल जलधारा अथवा वेगमती सरिता का नहीं है। वे समूचे भारतीय समाज में जिस रूप में बसी हैं उसकी व्याख्या करना भी सम्भव नहीं है। उनका स्वरूप आध्यात्मिक है, दिव्य है, वत्सल है, चारू है और मां के...

उत्तरांचल के मंदिरों के प्रवेशद्वार – कला एवं परम्परा

भारतीय भवनों तथा देवालयों की संरचना में प्रवेश द्वार का निर्माण समूचे भवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना गया है। इसी लिए प्राचीन मंदिरों तथा भवनों की सुन्दरता में वृद्धि करने के लिए प्रवेशद्वारों को भव्य रूप देने तथा...

कुमाऊँ के नौलेः कला एवं परम्परा

सृष्टि में जीवन की उत्पत्ति का मूल आधार जल है। मानवीय बसासत को बस्ती का रूप देने के लिए नजदीक में जल की निरन्तर उपलब्घता एवं स्वच्छ जल का निरन्तर प्रवाहमान स्त्रोत अनिवार्य तत्व रहा। मानवीय आवास इसीलिए सबसे पहले जल के...

कुमाऊं में दुर्ग परम्परा

प्राचीन भारतीय राज व्यवस्था में सीमाओं की सुरक्षा का प्रश्न सर्वदा महत्वपूर्ण रहा है। राज्य की सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमाओं की सुरक्षा के लिए तत्कालीन शासको द्वारा की गयी व्यवस्थाओं के कई साक्ष्य दृष्टिगत होते...

Shaila Chitra

प्राचीन मानव की सुन्दरतम अभिव्यक्ति हैं शैलचित्र

शिलाचित्र मानव की सुन्दरतम अभिव्यक्ति ही नहीं वरन् उसकी अमूल्य धरोहर भी हैं । माना जा सकता है कि जबसे पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन प्रारम्भ हुआ तभी से कला का भी उद्भव हो गया होगा । कला एक इतिहास ही नहीं वरन् सृजन भी है ।...

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