एक युवा तेजस्वी साधक अपनी लय में चिमटा कमंडल जैसे परम्परागत साधुओं के सामान सहित टुण्डला की ओर जाती एक रेलगाड़ी के प्रथम श्रेंणी के डिब्बे में बैठ गया। एंग्लो इंडियन टिकट चैकर को इस अधनंगे साधु की यह धृष्टता नहीं भायी । उसने क्रोधित होकर साधु से जब टिकट मांगा तो साधु ने टिकट देने से भी इंकार कर...
प्रस्तर शिल्प में गंगा
भारतीय मानस में गंगा का स्वरूप केवल जलधारा अथवा वेगमती सरिता का नहीं है। वे समूचे भारतीय समाज में जिस रूप में बसी हैं उसकी व्याख्या करना भी सम्भव नहीं है। उनका स्वरूप आध्यात्मिक है, दिव्य है, वत्सल है, चारू है और मां के...